मेरी माँ की दर्द भरी हालत
पाँच साल पहले, मेरी माँ की ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई थी। वो बिना दर्द के एक कदम भी नहीं चल पाती थीं – दोनों घुटनों में तेज़ दर्द रहता था। अमेरिका और इंडिया के डॉक्टरों को दिखाया, हर तरह की जाँच और एक्स-रे कराए।
मैं कोई मेडिकल एक्सपर्ट नहीं हूँ, लेकिन मेरा सीधा-साधा डायग्नोसिस था – उनके घुटने पूरी तरह बर्बाद हो चुके थे।
हड्डियों की हालत ऐसी थी जैसे बाथरूम में एड़ियाँ घिसने वाले स्पॉन्ज होते हैं, पूरे छेद-छेद। घुटनों के कैप घिस चुके थे। हड्डियाँ आपस में ऐसे टकरा रही थीं जैसे दो चाकू भिड़ जाएँ। टाँगों का आकार धनुष जैसा हो गया था। ये कोई रातों-रात नहीं हुआ, लेकिन पिछले चार-पाँच साल उनके लिए ज़हर के समान थे।
ये दुख की बात है – और frankly शर्म की भी – कि हमने इतनी देर कर दी उनकी देखभाल में। लेकिन उस वक्त, पूरा परिवार पापा की गंभीर बीमारी में उलझा हुआ था। किसी के पास दिमाग़ी, भावनात्मक, या शारीरिक ताक़त ही नहीं बची थी कुछ और देखने की। वो कहानी फिर कभी सुनाऊँगा।
क्या काम नहीं करता
मैं और मेरा छोटा भाई साकेत (जो सिडनी में है और परिवार का होशियार बच्चा है) जल्दी समझ गए कि जब घुटने पूरी तरह ख़राब हो जाएँ तो ये चीज़ें बेकार हैं:
एक्सरसाइज़ या चलना – और बिगाड़ देती है
आयुर्वेद, होम्योपैथी, जादुई फूड्स – पैसा और वक्त दोनों की बर्बादी
टीवी पर बाबाओं के नुस्खे
व्हाट्सऐप एक्सपर्ट्स
ये सोचना कि आप अच्छे इंसान हैं तो भगवान बिना सर्जरी के घुटने ठीक कर देंगे
क्या थोड़े टाइम के लिए काम करता है (लेकिन लॉन्ग टर्म में बेकार)
पेनकिलर
मलहम
कम चलना ताकि दर्द ना हो (इससे मसल्स और कमज़ोर हो जाती हैं)
क्या सच में काम करता है
घुटनों की सर्जरी।
क्या बहुत ही अच्छा काम करता है
सही डॉक्टर से knee replacement कराना और उसके बाद छह महीने तक कड़ी फिजियोथेरेपी और चलना।


हमारी फैमिली की चुनौती
साकेत ऑस्ट्रेलिया में और मैं अमेरिका में था। पापा की लंबी बीमारी और फिर उनके जाने के बाद, हमें एक दमदार, नो-ड्रामा समाधान चाहिए था। एक ही बार में सब हो जाए – कोई बार-बार सर्जरी ना करनी पड़े।
लेकिन माँ को हार्ट प्रॉब्लम भी थी – आर्टरी ब्लॉकेज – और हार्ट मेडिकेशन भी चल रही थी। ज़्यादातर डॉक्टरों ने कहा, ऐसे केस में दोनों घुटनों की एकसाथ सर्जरी रिस्की है। ख़ून ज़्यादा बहेगा, हार्ट पर प्रेशर आएगा, जान भी जा सकती है।
टर्निंग पॉइंट – डॉ. सुभाष जांगिड
साकेत ने रिसर्च जारी रखी। उसे मिले डॉ. सुभाष जांगिड, Fortis Memorial Research Institute, गुरुग्राम (दिल्ली NCR) में। बढ़िया रिव्यू, मॉडर्न फैसिलिटी, और रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट का अच्छा नाम।
अपॉइंटमेंट लिया। जाँचे के बाद डॉक्टर ने कहा:
“दोनों घुटनों की रोबोटिक कंप्यूटर-नैविगेटेड सर्जरी करेंगे। ब्लड लॉस मिनिमल रहेगा। हार्ट को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।”
ये सुनकर जान में जान आई।
ट्रेडिशनल vs रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट
फीचर | ट्रेडिशनल | रोबोटिक |
---|---|---|
एक्यूरेसी | डॉक्टर की आँख और अनुभव पर डिपेंड | 3D मैपिंग और रोबोट गाइड से अल्ट्रा प्रीसाइज़ |
फिट | जनरल साइजिंग | हड्डी के हिसाब से परफेक्ट फिट |
टिश्यू कटिंग | ज़्यादा कटिंग हो सकती है | जो ज़रूरी है वही कटता है |
ब्लड लॉस | ज़्यादा | बहुत कम |
हार्ट पेशेंट्स पर असर | रिस्की | सेफ |
रिकवरी | स्लो | फास्ट |
लॉन्ग टर्म | ठीक-ठाक | बेहतरीन और टिकाऊ |
क्यों रोबोटिक सर्जरी बेहतर है
कम ब्लड लॉस (हार्ट पेशेंट्स के लिए लाइफसेवर)
कम दर्द, कम कॉम्प्लिकेशन, जल्दी वॉकिंग शुरू
परफेक्ट फिट होने से ज्यादा साल चलती है
जैसे फ्रीहैंड पेंटिंग और स्टैंसिल पेंटिंग में फर्क होता है, वैसा ही फर्क ट्रेडिशनल और रोबोटिक में है।
सर्जरी और रिकवरी टाइमलाइन
Day 1: दिल्ली पहुँचना, टेस्ट
Day 3: सर्जरी (दोनों घुटने), कुल 5 घंटे
Day 4: माँ ने वॉकर से 10-15 फीट चलीं
Day 5: और चलना
Day 6: डिस्चार्ज
Week 2: टांके कटे
रिकवरी:
सर्जरी के 3rd दिन वॉकर से चलना शुरू
10 दिन बाद छड़ी से चलना
2 हफ्ते बाद बिना सहारे चलना
3-4 हफ्ते बाद मंदिर, बाज़ार, घर का काम – सब नॉर्मल
फिजियोथेरेपी
डॉक्टर ने कहा – रोज़ 30-45 मिनट, 90 दिन तक। लेकिन हमारे पास पटना में physiotherapist/nursing student रहते हैं, तो माँ ने 6 महीने तक फिजियोथेरेपी की।
साथ में, तीन हफ्ते बाद से रोज़ 2 km चलना भी शुरू किया। आज तक उनका डेली रूटीन है।
कोई परेशानी?
बिलकुल नहीं।
टीम एफर्ट
पूरा प्रोसेस – इंडिया पहुँचने से लेकर टांके कटवाने और शुरुआती फिजियो तक – तीन से चार हफ्ते का है। उसके बाद कुछ नहीं बचता।
साकेत पहले आया, प्री-सर्जरी काम संभाला। मैं और मेरी प्यारी पत्नी मोना सर्जरी वाले दिन पहुँचे। बाद की सारी देखभाल, stitches, फिजियो, और सोशल मीडिया पोस्ट मैंने किए।
कहाँ रुके?
हॉस्पिटल के पास Airbnb लिया। साफ़-सुथरा, शांत, अपना किचन। होटल में चाय पीने जाओ तो किडनी बेचनी पड़ जाए, Airbnb में ऐसा कोई डर नहीं। लिंक यहाँ है:
Airbnb Gurugram
खर्चा
दोनों घुटने: ₹6 लाख (2022 में $7,000)
अभी का अनुमान: ₹ 7-8 लाख ~$10,000 USD
एक घुटना: थोड़ा सा आधे से ज़्यादा
फिजियो का खर्च: ₹1,000 ($12) रोज़
Insurance के बिना। रेट चेक कर लेना।
रिजल्ट?
100% सफल।
माँ आज teenager जैसी चलती हैं। पिछले हफ्ते Frisco में वॉक पर गए, जब मैं थक गया तो बोलीं, “आधा मील और चलें।” शायद बहुओं की बुराई करनी थी वॉक पर, लेकिन कुछ बोली नहीं। मज़ाक कर रहा हूँ।
सीढ़ियाँ, ढलान, सब कुछ आराम से। और उनका कॉन्फिडेंस – वापस आ गया है।
लेकिन अगर कोई बोले उनके किसी जानने वाले की सर्जरी फेल हुई?
पूछना –
क्या रोबोटिक सर्जरी थी?
पोस्ट-ऑप इंस्ट्रक्शन फॉलो किए?
फिजियो रेगुलर हुई?
वॉक किया?
क्या पेशेंट बहुत ओवरवेट था?
ज्यादातर फेलियर patients की लापरवाही से होते हैं। सर्जरी तो routine काम है – जैसे कार की सर्विसिंग। खासकर रोबोटिक में।
सक्सेस के 3 की
रोबोटिक कंप्यूटर-नैविगेटेड knee replacement
स्किल्ड सर्जन (जैसे डॉ. जांगिड या कोई भी उतना ही अच्छा)
अच्छी फिजियोथेरेपी और डेली वॉक
कोई शॉर्टकट नहीं।
मदद के लिए कोई रख सकते हो, चलने के लिए नहीं।
क्या मैं डॉ. जांगिड को जानता हूँ?
नहीं। और वो भी मुझे नहीं जानते।
कांटेक्ट:
डॉ. सुभाष जांगिड
Director, Bone & Joint Institute
Fortis Memorial Research Institute, Gurgaon
Doctor Profile
📧 subhash.jangid@fortishealthcare.com
📞 +91-9999245242
🌐 www.onejointforlife.com
क्यों लिखा ये ब्लॉग?
भारत और विदेश में मेरे दोस्त और परिवार – जिनकी माँ-बाप को या खुद को सर्जरी की ज़रूरत है – उनके लिए। ये मेडिकल सलाह नहीं, असली ज़िंदगी का अनुभव है।
आखिरी बात
अगर आपको या किसी को परेशानी है, Wait na karein।
हमने अपनी माँ को almost immobile से energetic और pain-free होते देखा। आप भी देख सकते हैं।
अगर मदद मिली, कॉमेंट करो या सवाल पूछो। शेयर – Facebook, WhatsApp, neighborhood ग्रुप्स – किसी की ज़िंदगी बदल सकती है।


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